Thursday, February 28, 2013

तेरा साथ

जिन्दगी तेरे साये में .....
क्या छोडूँ ?
क्या पास  रखूँ ?
दिन-रात सुलगते,...
 अरमानों से ...
क्यों न दो-दो हाथ करूँ ?

जो होना है ..वो ...
हो कर रहेगा ...(मैं भाग्यवादी नहीं कर्मवादी हूँ )
क्यों ? तुम से
फरियाद करूँ .....


साल दर साल आगे बढ़ी
कितना कुछ पीछे छूट गया .....
देखते ही देखते .....
काफ़िला आँखों से ...
ओझल हो गया .....

तुमने दिया
तुम ही ने लिया
क्या दोष था मेरा .....
समझ नहीं पाई अब तक ....
सत्य क्या है तेरा ?

दर्द के दरिया में
दिल जब घबराता है
तभी जिन्दगी तेरा ....
असली रूप नज़र आता है ......

तूने आजमाया अबतक ...
अब मैं आज्माउंगी ....
वादा है ऐ जिन्दगी ..
तेरा साथ निभाउंगी ....




13 comments:

  1. तूने आजमाया अबतक ...
    अब मैं आज्माउंगी ....
    वादा है ऐ जिन्दगी ..
    तेरा साथ निभाउंगी ....
    यही आत्म विश्वास चाहिए जिंदगी को सामना करने के लिए
    latest post मोहन कुछ तो बोलो!
    latest postक्षणिकाएँ

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  2. बहुत ही सुन्दर और सार्थक प्रस्तुति ...

    आप भी पधारें
    ये रिश्ते ...

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  3. बहुत सुन्दर रचना | बधाई |


    यहाँ भी पधारें और लेखन पसंद आने पर अनुसरण करने की कृपा करें |
    Tamasha-E-Zindagi
    Tamashaezindagi FB Page

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  4. वाह ... बेहतरीन भावमय करते शब्‍द

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  5. दर्द के दरिया में
    दिल जब घबराता है
    तभी जिन्दगी तेरा ....
    असली रूप नज़र आता है ......

    तूने आजमाया अबतक ...
    अब मैं आज्माउंगी ....
    वादा है ऐ जिन्दगी ..
    तेरा साथ निभाउंगी ....

    आपके साहस या हौसले को प्रणाम ..

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  6. दर्द के दरिया में
    दिल जब घबराता है
    तभी जिन्दगी तेरा ....
    असली रूप नज़र आता है ......
    बहुत सुन्दर रचना ................बधाई |

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  7. दर्द के दरिया में
    दिल जब घबराता है
    तभी जिन्दगी तेरा ....
    असली रूप नज़र आता है ......

    सुंदर कविता जीवन का अर्थ तलाशती. बधाई निशा जी.

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  8. ज़िंदगी का असली रूप क्या है कौन जाने, सुख दुःख एक साथ जीवन भर... बहुत सुन्दर रचना, शुभकामनाएँ.

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  9. ज़वाब नहीं हौसले का इस रचना के पाठन और वाचन से कई का अवसाद दूर हो सकता है .ज़िन्दगी और परवाज़ ज़िन्दगी की हौसले से भरी जाती है पंखों से नहीं यही सन्देश है रचना का दृष्टा भाव से

    जीवन को लेना भी बड़ी बात है .धुंध छनती है आगे बढ़ने का रास्ता साफ़ होता है .

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    1. dhanyavad virendra jee...aapke is motivational tippani ke liye ....

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  10. kya bat hai jeevan me isi housale ki jaroorat hai...

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